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‘‘हिन्दी व्याकरण" भाग-8 (क्रिया)

क्रिया, क्रिया के भेद, अकर्मक से सकर्मक बनाना, अपूर्ण क्रिया, संरचना की दृष्टि से क्रिया के भेद, धातु और नामधातु में अन्तर


क्रिया
       नीचे लिखे वाक्यों को ध्यान से पढिए – () जाओ       ()   वह घर गया   
       उपर्युक्त वाक्यों मेजाओऔरगयाऐसे शब्द हैं जिनसे किसी काम के होना या करने का बोध हो रहा है; साथ ही इनके बिना वाक्य में जो कुछ कहा गया है, वह स्पष्ट नही होता इस बात को हम यों भी कह सकते है कि इनके बिना वाक्य सार्थक ही नही होते व्याकरण में इस प्रकार के शब्द क्रिया कहलाते है  
       जिन पदों से किसी कार्य का करना या होना पाया जाये, उन्हें क्रिया कहते हैं । जैसे
मोहन पढ़ रहा है
.  सोहन खेलता है
.  वह खाना खा रहा है  
       इन वाक्यों मेंपढ़ रहा है’, ‘खेलता हैऔरखा रहा हैपदों से काम के होने या करने का बोध हो रहा है, अतएव ये क्रिया पद कहलाते हैं  

धातु
-
क्रिया के मूल रुप को धातु कहते हैं जैसेपढ़, सुन, खा आदि । धातु के आगेनाप्रत्यय जोड़्ने से क्रिया का सामान्य रुप बन जाता है
 क्रिया के भेद-
       क्रिया के निम्नलिखित दो भेद है   -  .अकर्मक               . सकर्मक 
अकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया
वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की आवश्यकता नही होती, अकर्मक क्रिया कहलाती है इसमें क्रिया का प्रभाव सीधे कर्ता पर पड़्ता है । जैसेसोना, उठना, रोना, मरना, गिरना आदि  जैसेवह सोता है
यहाँ सोने का प्रभाव कर्तावहपर है
वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की आवश्यकता होती है, सकर्मक क्रिया कहलाती है सकर्मक क्रिया कर्म के बिना अपना भाव पूर्ण रुप से प्रकट नही कर पाती । जैसेसोहन पढ़ रहा है यहाँ अर्थ में कुछ कमी दिखाई दे रही है यदि हमक्याद्वारा प्रश्न करें – ‘सोहन क्या पढ़ रहा है? तो उत्तर मिलेगासोहन पत्र/ पुस्तक पढ़ रहा है  
सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया एवं अपूर्ण क्रिया


सकर्मक क्रिया के भेद-
. एककर्मक    जिस क्रियाओं का एक ही कर्म होता है एककर्मक क्रिया कहलाती है । जैसेवह पुस्तक पढ़ता है यहाँ पुस्तक एक ही कर्म है  
. द्विकर्मक   जिस सकर्मक क्रियाओं के दो कर्म हो, उन्हें द्विकर्मक क्रिया कहते है । जैसेपिता ने पुत्र को पुस्तक पढाई यहाँपुत्रऔरपुस्तकदो कर्म है
अकर्मक से सकर्मक बनाना-
अकर्मक
सकर्मक
अनिल दौड़ता है
अनिल दौड़ दौड़ता है
विमला हँसती है
विमला हँसी हँसती है  
      ऊपर के वाक्यों मेंदौड़ताहै औरहँसतीहै , क्रियाएँ  अकर्मक है यहाँ क्रिया को भाववाचक बनाकर कर्म के रुप में प्रयुक्त किया गया है   यहाँदौड़औरहँसीभाववाचक संज्ञाएँ है। इस प्रकार अकर्मक क्रिया सकर्मक बन गई है। 
       कभीकभी प्रेरणार्थक क्रिया के प्रयोग से अकर्मक क्रिया सकर्मक बन गई है
जैसे -                      अकर्मक                                      सकर्मक
                             बच्चा सोता है                              माँ बच्चे को सुलाती है
यहाँसुलाती हैप्रेरणार्थक क्रिया है  
सकर्मक क्रिया का अकर्मक क्रिया के रुप में प्रयोग-
       जब सकर्मक क्रिया द्वारा केवल व्यापार (कार्य) प्रगट किया जाय और कार्य की आवश्यकता समझी जाए तब वह अकर्मक हो जाती है जैसेवह सुनता है  
       यहाँ केवल यह अर्थ स्पष्ट हें कि वह सुन सकता है बहरा नही है यहाँक्या सुनता है, बताना अभीष्ट नही अत: सुनना क्रिया सकर्मक होते हुए भी अकर्मक है यदि हम कहें किवह गीत सुनता हैतब वह क्रिया सकर्मक कहलाएगी  

अपूर्ण क्रिया-

       जो क्रियाएँ अर्थ को पूर्ण करने में असमर्थ रहती है, उन्है अपूर्ण क्रिया कहते है । जैसेहोता है  
अपूर्ण क्रिया के भेद- 
.                    अपूर्ण सकर्मक क्रिया – जिन क्रियाओं का आशय कर्म होने पर भी पूर्ण नही होता और आशय को प्रगट करने के लिए संज्ञा या विशेषण की जरुरत होती है, वे अपूर्ण सकर्मक क्रियाएँ होती है जैसे – () मैं तुझे समझता हूँ यह अपूर्ण वाक्य है () मैं तुझे बुद्धिमान समझता हूँ   । अतः समझना अपूर्ण सकर्मक क्रिया है
विशेष – ऊपर जो बुद्धिमान शब्द वाक्य में प्रयुक्त हुआ है वह कर्म पूरक है अपूर्ण क्रिया को पूर्ण अर्थ देने के जिन संज्ञा या सर्वनाम आदि का प्रयोग होता है, उन्हें कर्म पूरक या कर्मपूर्ति क्रिया कहते है  
.                    अपूर्ण अकर्मक क्रिया – वे अकर्मक क्रियाएँ कर्ता के होते हुए भी पूर्ण अर्थ का ज्ञान नही कराती, उन्हें अपूर्ण अकर्मक क्रिया कहते है इसके लिए संज्ञा या विशेषण शब्दों की आवश्यकता रहती है
          जैसे – () सुरेश है यहाँहैअपूर्ण क्रिया है।
                        () सुरेश वीर है यहाँ पूरकवीरशब्द लगने से पूर्ण हुई है
विशेष – यहाँ अपूर्ण क्रियाओं के पूरक कर्तपूरक कहलाते है  

संरचना की दृष्टि से क्रिया के भेद
.प्रेरणार्थक क्रिया  २.संयुक्त क्रिया   ३.नामधातु क्रिया  ४.पूर्वकालिक क्रिया       ५.कृदन्त क्रिया 

.         प्रेरणार्थक क्रिया - जब कर्ता स्वयं कार्य करके किसी अन्य को कार्य करने के लिए प्रेरित करे, वहाँ प्रेरणार्थक क्रिया होती है जैसेकरना से करवाना, देना से दिलवाना
       प्रेरणार्थक क्रिया के दो कर्ता होते है -            . एक प्रेरक कर्ता               .  दूसरा प्रेरित कर्ता 
       जैसेपिता पुत्र से पत्र लिखवाता है यहाँ प्रेरक कर्तापिता       प्रेरित कर्तापुत्र 
प्रेरणार्थक क्रिया के दो रुप
मूलधातु
प्रथम प्रेरणार्थक
द्वितीय प्रेरणार्थक
सुनना
सुनाना
सुनवाना
पढ़ना
पढ़ाना
पढ़वाना
लिखना
लिखाना
लिखवाना
करना
कराना
करवाना
पीना
पिलाना
पिलवाना
सीना
सिलाना
सिलवाना

.            संयुक्त क्रिया जब दो या दो से अधिक क्रियाएँ मिलकर किसी पूर्ण क्रिया को बनाती है, संयुक्त क्रियाएँ कहलाती है  
जैसे -       ()          मैं यह काम कर सकती हूँ
                ()          वह अपने घर चला गया
       यहाँकर सकतापहले वाक्य में औरचला गयादूसरे वाक्य में दोदो क्रियाओं का संयोग है इनमें दो क्रियाओं के मेल से पूर्ण क्रियाएँ बनी है
विशेष यदि सहायक क्रिया अकर्मक हो तो, ‘संयुक्त क्रियाभी अकर्मक कहलाती है   और यदिसहायक क्रियासकर्मक हो तो संयुक्त क्रिया भी सकर्मक कहलाएगी   
.         नामधातु क्रिया – मूल धातुओं से भिन्न – ‘संज्ञा’ ‘सर्वनाम’ ‘विशेषणआदि शब्दों से बनने वाली धातुओं को नामधातु क्रिया कहते है तथा नामधातुओं से जो क्रियाएँ बनती है, उन्हें नामधातु क्रिया कहते है जैसेहाथ से हथियाना, बात से बतियाना, गर्म से गर्माना, खटखट से खटखटाना आदि
नामधातु क्रियाएँ चार प्रकार के शब्दों से बनती है
()          संज्ञा शब्दों से   -
संज्ञा
नामधातु क्रिया
संज्ञा
नामधातु क्रिया
दुख
दुखाना
झूठ
झूठलाना
पिना
पिलाना
शर्म
शर्माना
फिल्म
फिल्माना
चक्कर
चकराना
रंग
रंगना
लाज
लजाना
 ()         सर्वनाम शब्दों से _
सर्वनाम
नामधातु क्रिया
अपना
अपनाना

()          विशेषण शब्दों से -
 विशेषण
नामधातु क्रिया
विशेषण
नामधातु क्रिया
गर्म 
गर्माना
साठ
सठियाना
तोतला
तुतलाना
दोहरा
दोहराना

()          अनुकरणात्मक शब्दों से
अनुकरणात्मक शब्द
नामधातु क्रिया
अनुकरणात्मक शब्द
नामधातु क्रिया
झनझन
झनझनाना
हिनहिना
हिनहिनाना
भिनभिन
भिनभिनाना
खटखट
खटखटाना
थरथर
थरथराना
मिनमिन
मिनमिनाना
धातु और नामधातु में अन्तर-
       धातु शब्दों में क्रिया का अंश स्पष्ट होता है जैसेचल - चलना, लिख - लिखना
नामधातु में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों को लेकरप्रत्यय लगाया जाता है
          जैसे - हाथ - हथियाना (संज्ञा)
                   अपनाअपनाना (सर्वनाम)
                   गर्म - गर्माना (विशेषण)
.         पूर्वकालिक क्रिया - जो क्रिया मुख्य क्रिया से पहले पूर्व प्रयोग की जाए, उसे पूर्वकालिक क्रिया कहते है  जैसे - मै पढ़कर लिखुँगा वह सोचकर बोलेगा । यहाँ पढ़कर और सोचकर पूर्वकालिक क्रियाएँ है  
.         कृदन्त क्रिया - शब्द के अन्त में कृत प्रत्यय के लगने से कृदन्त क्रियाएँ बनती है । हिन्दी में मुख्य तीन प्रकार की कृदन्त क्रियाएँ होती है
                () वर्तमान कालिक कृदन्त क्रियाएँ
              जैसेचल+ताचलता , पढ़+तापढ़ता , दौड़ +तादौड़ता , देख+तादेखता आदि  
                () भूत कालिक कृदन्त क्रियाएँ
              जैसेचल+चला, दौड़+ -दौड़ा, देख+देखा आदि  
                () पूर्व कालिक कृदन्त क्रियाएँ
              जैसेचल+करचलकर, दौड़+कर - दौड़कर, देख+करदेखकर आदि

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10 प्रेरणादायक सुविचार,1,31वें संविधान संशोधन से लेकर 60वें संविधान संशोधन तक,1,61वें संविधान संशोधन से लेकर 90वें संविधान संशोधन तक,1,91वें संविधान संशोधन से लेकर 93वें संविधान संशोधन तक,1,अनुच्छेद एवं सम्बन्धित विवरण,1,अब तक IPL के इतिहास में हुआ सुपर ओवर,1,आब्जेक्टिव कम्प्यूटर ज्ञान,2,उत्तर प्रदेश कैबिनेट की सूची,1,उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन,1,उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष,1,उत्तर प्रदेश सामान्य ज्ञान (भाग-एक),1,ऑस्ट्रेलियन ओपन,1,कम्प्यूटर ज्ञान,1,कम्प्यूटर सम्बन्धी महत्वपूर्ण शब्दावली,1,कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान,3,केन्द्रशासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल,1,केन्द्रीय कैबिनेट की नवीनतम सूची,1,कोरोना वायरस क्या है? कोरोना वायरस के लक्षण,1,क्रिया,1,गज (हाथी) अभयारण्य,1,नारे,1,पहले संविधान संशोधन से लेकर 30वें संविधान संशोधन तक,1,प्रतियोगिता परीक्षाओं हेतु कम्प्यूटर नोट्स,1,प्रमुख मुहावरे व उनके अर्थ,1,प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान एव अभयारण्य,2,प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दिवसों की सूची,1,प्रमुख लोकोक्तियाँ व उनका अर्थ,3,प्रशासक एवं मुख्यमंत्रियों की सूची,1,प्राचीन भारत का इतिहासः एक परिचय,1,फ्रेंच ओपन,1,बाघ अभयारण्य,1,ब्रिटिश राज मे जनजातीय विद्रोह,1,भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन,1,भारत का संवैधानिक विकास,1,भारत के राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्रियों की सूची,1,भारतीय अर्थव्यवस्था,1,भारतीय आँकड़े एक झलक,1,भारतीय परिवहन,1,भारतीय भूगोल,1,भारतीय राजव्यवस्था,1,भारतीय संविधान के संशोधन,4,मुहावरे,1,मुहावरे एवं लोकोक्ति में अन्तर,1,यू.एस. ओपन टेनिस – 2019,1,राष्ट्रीय आन्दोलन की महत्वपूर्ण तिथियाँ,1,राष्ट्रीय स्वतन्त्रता आन्दोलन अवधि में बनी महत्वपूर्ण संस्थाएँ,1,राष्ट्रीय स्वतन्त्रता आन्दोलन सम्बन्धी प्रमुख वचन,1,लोकोक्तियाँ (कहावतें),2,विंबलडन ओपन टेनिस,1,विधानपरिषद,1,विधानसभा एवं विधानपरिषद,2,विधानसभाओं में सदस्य संख्या,1,वृत्ति एवं काल,1,संविधान के भाग,1,संसदीय शब्दावली,1,समास,1,सुपर ओवर के नियम,1,सुविचार,1,स्वाधीनता संग्राम से सम्बन्धित पत्र/पत्रिकाएँ एवं पुस्तकें,1,हिन्दी के महत्वपूर्ण साहित्यकार एवं उनकी रचनाएँ,1,हिन्दी व्याकरण,7,IPL टीमों के शब्द संक्षेप,1,
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Pariksha Sankalp: ‘‘हिन्दी व्याकरण" भाग-8 (क्रिया)
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