Comments system

[blogger][disqus][facebook]

Video Of Day

लोकोक्तियाँ (कहावतें) (भाग-3)

प्रमुख लोकोक्तियाँ व उनका अर्थ

प्रमुख लोकोक्तियाँ  उनका अर्थ


- धनवंती को काँटा लगा दौड़े लोग हजार
धनी आदमी को थोड़ा-सा भी कष्ट हो तो बहुत लोग उनकी सहायता को  जाते हैं।
- धन्ना सेठ के नाती बने हैं
अपने को अमीर समझना।
- धर्म छोड़ धन कौन खाए
धर्म विरूद्ध कमाई सुख नहीं देती।
- धूप में बाल सफेद नहीं किए हैं
अनुभवी होना।
- धोबी का गधा घर का ना घाट का
कहीं भी इज्जत  पाना।
- धोबी पर बस  चला तो गधे के कान उमेठे
शक्तिशाली पर आने वाले क्रोध को निर्बल पर उतारना।
- धोबी के घर पड़े चोरलुटे कोई और
धोबी के घर चोरी होने पर कपड़ेे दूसरों के ही लुटते हैं।
- धोबी रोवे धुलाई कोमियाँ रोवे कपड़े को
सब अपने ही नुकसान की बात करते हैं।
- नंगा बड़ा परमेश्वर से
निर्लज्ज से सब डरते हैं।
- नंगा क्या नहाएगा क्या निचोड़ेगा
अत्यन्त निर्धन होना।
- नंगे से खुदा डरे
निर्लज्ज से भगवान भी डरते हैं।
-  अंधे को न्योता देते  दो जने आते
गलत फैसला करके पछताना।
-  इधर के रहे उधर के रहे
दुविधा में रहने से हानि ही होती है।
- नकटा बूचा सबसे ऊँचा
निर्लज्ज से सब डरते हैं इसलिए वह सबसे ऊँचा होता है।
- नक्कारखाने में तूती की आवाज
महत्व  मिलना।
- नदी किनारे रुखड़ा जब-तब होय विनाश
नदी के किनारे के वृक्ष का कभी भी नाश हो सकता है।
-  नौ मन तेल होगा  राधा नाचेगी
ऐसी परिस्थिति जिसमें काम  हो सके/असम्भव शर्त लगाना।
- नमाज छुड़ाने गए थेरोजे गले पड़े
छोटी मुसीबत से छुटकारा पाने के बदले बड़ी मुसीबत में पड़ना।
- नया नौ दिन पुराना सौ दिन
साधारण ज्ञान होने से अनुभव होने का अधिक महत्व होता है।
-  रहेगा बाँस बजेगी बाँसुरी
ऐसी परिस्थिति जिसमें काम  हो सके।
- नाई की बरात में सब ही ठाकुर
सभी का अगुवा बनना।
- नाक कटी पर घी तो चाटा
लाभ के लिए निर्लज्ज हो जाना।
- नाच  जाने आँगन टेढ़ा
बहाना करके अपना दोष छिपाना।
- नानी के आगे ननिहाल की बातें
बुद्धिमान को सीख देना।
- नानी के टुकड़े खावेदादी का पोता कहावे
खाना किसी कागाना किसी का।
- नानी क्वाँरी मर गईनाती के नौ-नौ ब्याह
झूठी बड़ाई।
- नाम बड़े दर्शन छोटे
झूठा दिखावा।
- नाम बढ़ावे दाम
किसी चीज का नाम हो जाने से उसकी कीमत बढ़ जाती है।
- नामी चोर मारा जाएनामी शाह कमाए खाए
बदनामी से बुरा और नेकनामी से भला होता है।
- नीचे की साँस नीचेऊपर की साँस ऊपर
अत्यधिक घबराहट की स्थिति।
- नीचे से जड़ काटनाऊपर से पानी देना
ऊपर से मित्रभीतर से शत्रु।
- नीम हकीम खतरा--जान
अनुभवहीन व्याक्ति के हाथों काम बिगड़ सकता है।
- नेकी और पूछ-पूछ
भलाई का काम।
- नौ दिन चले अढ़ाई कोस
अत्यन्त मंद गति से कार्य करना।
- नौ नकद तेरह उधार
नकद का काम उधार के काम से अच्छा।
- नौ सौ चूहे खा के बिल्ली हज को चली
जीवन भर कुकर्म करके अन्त में भला बनना।
- पंच कहे बिल्ली तो बिल्ली ही सही
सबकी राय में राय मिलाना।
- पंचों का कहना सिर माथे परपर नाला वहीं रहेगा
दूसरों की सुनकर भी अपने मन की करना।
- पकाई खीर पर हो गया दलिया
दुर्भाग्य।
- पगड़ी रखघी चख
मान-सम्मान से ही जीवन का आनंद है।
- पढ़े तो हैं पर गुने नहीं
पढ़-लिखकर भी अनुभवहीन।
- पढ़े फारसी बेचे तेल
गुणवान होने पर भी दुर्भाग्यवश छोटा काम मिलना।
- पत्थर को जोंक नहीं लगती
निर्दयी आदमी दयावान नहीं बन सकता।
- पत्थर मोम नहीं होता
निर्दयी आदमी दयावान नहीं बन सकता।
- पराया घर थूकने का भी डर
दूसरे के घर में संकोच रहता है।
- पराये धन पर लक्ष्मीनारायण
दूसरे के धन पर गुलछर्रें उड़ाना।
- पहले तोलोफिर बोलो
सोच-समझकर मुँह खोलना चाहिए।
- पाँच पंच मिल कीजे काजाहारे-जीते कुछ नहीं लाजा
मिलकर काम करने पर हार-जीत की जिम्मेदारी एक पर नहीं आती।
- पाँचों उँगलियाँ घी में
चैतरफा लाभ।
- पाँचों उँगलियाँ बराबर नहीं होतीं
सब आदमी एक जैसे नहीं होते।
- पागलों के क्या सींग होते हैं
पागल भी साधारण मनुष्य होता है।
- पानी केरा बुलबुला अस मानुस के जात
जीवन नश्वर है।
- पानी पीकर जात पूछते हो
काम करने के बाद उसके अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार करना।
- पाप का घड़ा डूब कर रहता है
पाप जब बढ़ जाता है तब विनाश होता है।
- पिया गए परदेशअब डर काहे का
जब कोई निगरानी करने वाला  होतो मौज उड़ाना।
- पीर बावर्ची भिस्ती खर
किसी एक के द्वारा ही सभी तरह के काम करना।
- पूत के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं
वर्तमान लक्षणों से भविष्य का अनुमान लग जाता है।
- पूत सपूत तो का धन संचयपूत कपूत तो का धन संचय
सपूत स्वयं कमा लेगाकपूत संचित धन को उड़ा देगा।
- पूरब जाओ या पच्छिमवही करम के लच्छन
स्थान बदलने से भाग्य और स्वभाव नहीं बदलता।
- पेड़ फल से जाना जाता है
कर्म का महत्व उसके परिणाम से होता है।
- प्यासा कुएँ के पास जाता है
बिना परिश्रम सफलता नहीं मिलती।
- फिसल पड़े तो हर गंगे
बहाना करके अपना दोष छिपाना।
- बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद
ज्ञान  होना।
- बकरे की जान गई खाने वाले को मजा नहीं आया
भारी काम करने पर भी सराहना  मिलना।
- बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है
शक्तिशाली व्यक्ति निर्बल को दबा लेता है।
- बड़े बरतन का खुरचन भी बहुत है
जहाँ बहुत होता है वहाँ घटते-घटते भी काफी रह जाता है।
- बड़े बोल का सिर नीचा
घमंड करने वाले को नीचा देखना पड़ता है।
- बनिक पुत्र जाने कहा गढ़ लेवे की बात
छोटा आदमी बड़ा काम नहीं कर सकता।
- बनी के सब यार हैं
अच्छे दिनों में सभी दोस्त बनते हैं।
- बरतन से बरतन खटकता ही है
जहाँ चार लोग होते हैं वहाँ कभी अनबन हो सकती है।
- बहती गंगा में हाथ धोना
मौके का लाभ उठाना।
- बाँझ का जाने प्रसव की पीड़ा
पीड$ को सहकर ही समझा जा सकता है।
- बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे
रक्षक का भक्षक हो जाना।
- बाप भला  भइयासब से भला रुपइया
धन ही सबसे बड़ा होता है।
- बाप  मारे मेढकीबेटा तीरंदाज
छोटे का बड़ेे से बढ़ जाना।
- बाप से बैरपूत से सगाई
पिता से दुश्मनी और पुत्र से लगाव।
- बारह गाँव का चैधरी अस्सी गाँव का रावअपने काम  आवे तो ऐसी-तैसी में जाव
बड़ा होकर यदि किसी के काम  आएतो बड़प्पन व्यर्थ है।
- बारह बरस पीछे घूरे के भी दिन फिरते हैं
एक  एक दिन अच्छे दिन  ही जाते हैं।
- बासी कढ़ी में उबाल नहीं आता
काम करने के लिए शक्ति का होना आवश्यक होता है।
- बासी बचे  कुत्ता खाय
जरूरत के अनुसार ही सामान बनाना।
- बिंध गया सो मोतीरह गया सो सीप
जो वस्तु काम  जाए वही अच्छी।
- बिच्छू का मंतर  जानेसाँप के बिल में हाथ डाले
मूर्खतापूर्ण कार्य करना।
- बिना रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती
बिना यत्न किए कुछ भी नहीं मिलता।
- बिल्ली और दूध की रखवाली?
भक्षक रक्षक नहीं हो सकता।
- बिल्ली के सपने में चूहा
जरूरतमंद को सपने में भी जरूरत की ही वस्तु दिखाई देती है।
- बिल्ली गई चूहों की बन आयी
डर खत्म होते ही मौज मनाना।
- बीमार की रात पहाड़ बराबर
खराब समय मुश्किल से कटता है।
- बुड्ढी घोड़ी लाल लगाम
वय के हिसाब से ही काम करना चाहिए।
- बुढ़ापे में मिट्टी खराब
बुढ़ापे में इज्जत में बट्टा लगना।
- बुढिया मरी तो आगरा तो देखा
प्रत्येक घटना के दो पहलू होते हैंअच्छा और बुरा।
- बूँद-बूँद से घड़ा भरता है
थोड़ा-थोड़ा जमा करने से धन का संचय होता है।
- बूढे तोते भी कही पढ$ते हैं
बुढ़ापे में कुछ सीखना मुश्किल होता है।
- बिल्ली के भागों छींका टूटा
सौभाग्य।
- बोए पेड़ बबूल के आम कहाँ से होय
जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल मिलेगा।
- भरी गगरिया चुपके जाय
ज्ञानी आदमी गंभीर होता है।
- भरे पेट शक्कर खारी
समय के अनुसार महत्व बदलता है।
- भले का भला
भलाई का बदला भलाई में मिलता है।
- भलो भयो मेरी मटकी फूटी मैं दही बेचने से छूटी
काम  करने का बहाना मिल जाना।
- भलो भयो मेरी माला टूटी राम जपन की किल्लत छूटी
काम  करने का बहाना मिल जाना।
- भागते भूत की लँगोटी ही सही
कुछ  मिलने से कुछ मिलना अच्छा है।
- भीख माँगे और आँख दिखाए
दयनीय होकर भी अकड़ दिखाना।
- भूख लगी तो घर की सूझी
जरूरत पड़ने पर अपनों की याद आती है।
- भूखे भजन  होय गोपाला
भूख लगी हो तो भोजन के अतिरिक्त कोई अन्य कार्य नहीं सूझता।
- भूल गए राग रंग भूल गई छकड़ीतीन चीज याद रहीं नून तेल लकड$
गृहस्थीं के जंजाल में फँसना।
- भैंस के आगे बीन बजेभैंस खड़ी पगुराय
मूर्ख के आगे ज्ञान की बात करना बेकार है।
- भौंकते कुत्ते को रोटी का टुकड़ा
जो तंग करे उसको कुछ दे-दिला के चुप करा दो।
- मछली के बच्चे को तैरना कौन सिखाता है
गुण जन्मजात आते हैं।
- मजनू को लैला का कुत्ता भी प्यारा
प्रेयसी की हर चीज प्रेमी को प्यारी लगती है।
- मतलबी यार किसकेदम लगाया खिसके
स्वार्थी व्यक्ति को अपना स्वार्थ साधने से काम रहता है।
- मन के लड्डुओं से भूख नहीं मिटती
इच्छा करने मात्र से ही इच्छापूर्ति नहीं होती।
- मन चंगा तो कठौती में गंगा
मन की शुद्धता ही वास्तविक शुद्धता है।
- मरज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों इलाज करता गया
सुधार के बजाय बिगाड़ होना।
- मरता क्या  करता
मजबूरी में आदमी सब कुछ करना पड़ता है।
- मरी बछिया बांभन के सिर
व्यर्थ दान।
- मलयागिरि की भीलनी चंदन देत जलाय
बहुत अधिक नजदीकी होने पर कद्र घट जाती है।
- माँ का पेट कुम्हार का आवा
संताने सभी एक-सी नहीं होती।
- माँगे हरड़दे बेहड़ा
कुछ का कुछ करना।
- मान  मान मैं तेरा मेहमान
जबरदस्ती का मेहमान।
- मानो तो देवता नहीं तो पत्थर
माने तो आदरनहीं तो उपेक्षा।
- माया से माया मिले कर-कर लंबे हाथ
धन ही धन को खींचता है।
- माया बादल की छाया
धन-दौलत का कोई भरोसा नहीं।
- मार के आगे भूत भागे
मार से सब डरते हैँ।
- मियाँ की जूती मियाँ का सिर
दुश्मन को दुश्मन के हथियार से मारना।
- मिस्सों से पेट भरता है किस्सों से नहीं
बातों से पेट नहीं भरता।
- मीठा-मीठा गपकड़वा-कड़वा थू-थू
मतलबी होना।
- मुँह में राम बगल में छुरी
ऊपर से मित्र भीतर से शत्रु।
- मुँह माँगी मौत नहीं मिलती
अपनी इच्छा से कुछ नहीं होता।
- मुफ्त की शराब काजी को भी हलाल
मुफ्त का माल सभी ले लेते हैं।
- मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक
सीमित दायरा।
- मोरी की ईंट चैबारे पर
छोटी चीज का बड़े काम में लाना।
- म्याऊँ के ठोर को कौन पकड़े
कठिन काम कोई नहीं करना चाहता।
- यह मुँह और मसूर की दाल
औकात का  होना।
- रंग लाती है हिना पत्थर पे घिसने के बाद
दुःख झेलकर ही आदमी का अनुभव और सम्मान बढ़ता है।
- रस्सी जल गई पर ऐंठ  गई
घमण्ड का खत्म  होना।
- राजा के घर मोतियों का अकाल?
समर्थ को अभाव नहीं होता।
- रानी रूठेगी तो अपना सुहाग लेगी
रूठने से अपना ही नुकसान होता है।
- राम की माया कहीं धूप कहीं छाया
कहीं सुख है तो कहीं दुःख है।
- राम मिलाई जोड़ीएक अंधा एक कोढ़ी
बराबर का मेल हो जाना।
- राम राम जपना पराया माल अपना
ऊपर से भक्तअसल में ठग।
- रोज कुआँ खोदनारोज पानी पीना
रोज कमाना रोज खाना।
- रोगी से बैद
भुक्तभोगी अनुभवी हो जाता है।
- लड़े सिपाही नाम सरदार का
काम का श्रेय अगुवा को ही मिलता है।
- लड्डू कहे मुँह मीठा नहीं होता
केवल कहने से काम नहीं बन जाता।
- लातों के भूत बातों से नहीं मानते
मार खाकर ही काम करने वाला।
- लाल गुदड़ी में नहीं छिपते
गुण नहीं छिपते।
- लिखे ईसा पढ़े मूसा
गंदी लिखावट।
- लेना एक  देना दो
कुछ मतलब  रखना।
- लोहा लोहे को काटता है
प्रत्येक वस्तु का सदुपयोग होता है।
- वहम की दवा हकीम लुकमान के पास भी नहीं है
वहम सबसे बुरा रोग है।
- विष को सोने के बरतन में रखने से अमृत नहीं हो जाता
किसी चीज का प्रभाव बदल नहीं सकता।
- शौकीन बुढिया मलमल का लहँगा
अजीब शौक करना।
- शक्करखोरे को शक्कर मिल ही जाता है
जुगाड़ कर लेना।
- सकल तीर्थ कर आई तुमड़िया तौ भी  गयी तिताई
स्वाभाव नहीं बदलता।
- सखी से सूम भला जो तुरन्त दे जवाब
लटका कर रखने वाले से तुरन्त इंकार कर देने वाला अच्छा।
- सच्चा जाय रोता आयझूठा जाय हँसता आय
सच्चा दुखीझूठा सुखी।
- सबेरे का भूला सांझ को घर  जाए तो भूला नहीं कहलाता
गलती सुधर जाए तो दोष नहीं कहलाता।
- समय पाइ तरुवर फले केतिक सीखे नीर
काम अपने समय पर ही होता है।
- समरथ को नहिं दोष गोसाई
समर्थ आदमी का दोष नहीं देखा जाता।
- ससुराल सुख की सार जो रहे दिना दो चार
रिश्तेदारी में दो चार दिन ठहरना ही अच्छा होता है।
- सहज पके सो मीठा होय
धैर्य से किया गया काम सुखकर होता है।
- साँच को आँच नहीं
सच्चे आदमी को कोई खतरा नहीं होता।
- साँप के मुँह में छछूँदर
कहावत दुविधा में पड़ना।
- साँप निकलने पर लकीर पीटना
अवसर बीत जाने पर प्रयास व्यर्थ होता है।
- सारी उम्र भाड़ ही झोंका
कुछ भी  सीख पाना।
- सारी देग में एक ही चावल टटोला जाता है
जाँच के लिए थोड़ा-सा नमूना ले लिया जाता है।
- सावन के अंधे को हरा ही हरा सूझता है
परिस्थिति को  समझना।
- सावन हरे  भादों सूखे
सदा एक सी दशा।
- सिंह के वंश में उपजा स्यार
बहादुरों की कायर सन्तान।
- सिर फिरना
उल्टी-सीधी बातें करना।
- सीधे का मुँह कुत्ता चाटे
सीधेपन का लोग अनुचित लाभ उठाते हैं।
- सुनते-सुनते कान पकना
बार-बार सुनकर तंग  जाना।
- सूत  कपास जुलाहे से लठालठी
अकारण विवाद।
- सूरज धूल डालने से नहीं छिपता
गुण नहीं छिपता।
- सूरदास की काली कमरी चढ़े  दूजो रंग
स्वभाव नहीं बदलता।
- सेर को सवा सेर
बढ़कर टक्कर देना।
- सौ दिन चोर केएक दिन साहूकार का
चोरी एक  एक दिन खुल ही जाती है।
- सौ सुनार की एक लोहार की
सुनार की हथौड़ी के सौ मार से भी अधिक लुहार के घन का एक मार होता है।
- हज्जाम के आगे सबका सिर झुकता है
गरज पर सबको झुकना पड़ता है।
- हथेली पर दही नहीं जमता
कार्य होने में समय लगता है।
- हड्डी खाना आसान पर पचाना मुश्किल
रिश्वत कभी  कभी पकड़ी ही जाती है।
- हर मर्ज की दवा होती है
हर बात का उपाय है।
- हराम की कमाई हराम में गँवाई
बेईमानी का पैसा बुरे कामों में जाता है।
- हवन करते हाथ जलना
भलाई के बदले कष्ट पाना।
- हल्दी लगे  फिटकरी रंग आए चोखा
बिना कुछ खर्च किए काम बनाना।
- हाथ सुमरनी पेट/बगल कतरनी
ऊपर से अच्छा भीतर से बुरा।
- हाथ कंगन को आरसी क्यापढ़ेे लिखे को फारसी क्या
प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं।
- हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और
भीतर और बाहर में अंतर होना।
- हाथी निकल गया दुम रह गई
थोड़ेे से के लिए काम अटकना।
- हिजड़े के घर बेटा होना
असंभव बात।
- हीरे की परख जौहरी जानता है
गुणवान ही गुणी को पहचान सकता है।
- होनहार बिरवान के होत चीकने पात
अच्छे गुण आरम्भ में ही दिखाई देने लगते हैं।
- होनी हो सो होय
जो होनहार हैवह होगा ही।
♦♦♦

COMMENTS

नाम

10 प्रेरणादायक सुविचार,1,31वें संविधान संशोधन से लेकर 60वें संविधान संशोधन तक,1,61वें संविधान संशोधन से लेकर 90वें संविधान संशोधन तक,1,91वें संविधान संशोधन से लेकर 93वें संविधान संशोधन तक,1,अनुच्छेद एवं सम्बन्धित विवरण,1,अब तक IPL के इतिहास में हुआ सुपर ओवर,1,आब्जेक्टिव कम्प्यूटर ज्ञान,2,उत्तर प्रदेश कैबिनेट की सूची,1,उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन,1,उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष,1,उत्तर प्रदेश सामान्य ज्ञान (भाग-एक),1,ऑस्ट्रेलियन ओपन,1,कम्प्यूटर ज्ञान,1,कम्प्यूटर सम्बन्धी महत्वपूर्ण शब्दावली,1,कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान,3,केन्द्रशासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल,1,केन्द्रीय कैबिनेट की नवीनतम सूची,1,कोरोना वायरस क्या है? कोरोना वायरस के लक्षण,1,क्रिया,1,गज (हाथी) अभयारण्य,1,नारे,1,पहले संविधान संशोधन से लेकर 30वें संविधान संशोधन तक,1,प्रतियोगिता परीक्षाओं हेतु कम्प्यूटर नोट्स,1,प्रमुख मुहावरे व उनके अर्थ,1,प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान एव अभयारण्य,2,प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दिवसों की सूची,1,प्रमुख लोकोक्तियाँ व उनका अर्थ,3,प्रशासक एवं मुख्यमंत्रियों की सूची,1,प्राचीन भारत का इतिहासः एक परिचय,1,फ्रेंच ओपन,1,बाघ अभयारण्य,1,ब्रिटिश राज मे जनजातीय विद्रोह,1,भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन,1,भारत का संवैधानिक विकास,1,भारत के राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्रियों की सूची,1,भारतीय अर्थव्यवस्था,1,भारतीय आँकड़े एक झलक,1,भारतीय परिवहन,1,भारतीय भूगोल,1,भारतीय राजव्यवस्था,1,भारतीय संविधान के संशोधन,4,मुहावरे,1,मुहावरे एवं लोकोक्ति में अन्तर,1,यू.एस. ओपन टेनिस – 2019,1,राष्ट्रीय आन्दोलन की महत्वपूर्ण तिथियाँ,1,राष्ट्रीय स्वतन्त्रता आन्दोलन अवधि में बनी महत्वपूर्ण संस्थाएँ,1,राष्ट्रीय स्वतन्त्रता आन्दोलन सम्बन्धी प्रमुख वचन,1,लोकोक्तियाँ (कहावतें),2,विंबलडन ओपन टेनिस,1,विधानपरिषद,1,विधानसभा एवं विधानपरिषद,2,विधानसभाओं में सदस्य संख्या,1,वृत्ति एवं काल,1,संविधान के भाग,1,संसदीय शब्दावली,1,समास,1,सुपर ओवर के नियम,1,सुविचार,1,स्वाधीनता संग्राम से सम्बन्धित पत्र/पत्रिकाएँ एवं पुस्तकें,1,हिन्दी के महत्वपूर्ण साहित्यकार एवं उनकी रचनाएँ,1,हिन्दी व्याकरण,7,IPL टीमों के शब्द संक्षेप,1,
ltr
item
Pariksha Sankalp: लोकोक्तियाँ (कहावतें) (भाग-3)
लोकोक्तियाँ (कहावतें) (भाग-3)
प्रमुख लोकोक्तियाँ व उनका अर्थ
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiSVVfH9kLo3hUnybBwVhXNYrc_8TwrvELSZnxM9gWEV_n2jx_2Z14egRyYzzPMUT7_onaVZvK0rrBJCurqqiSS5DAPFLbPmXCnXdG4lRPT4ExB69LZ7-Nrto938hRzf7Kmi5Rtp8JQBlpx/s640/lok-3.png
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiSVVfH9kLo3hUnybBwVhXNYrc_8TwrvELSZnxM9gWEV_n2jx_2Z14egRyYzzPMUT7_onaVZvK0rrBJCurqqiSS5DAPFLbPmXCnXdG4lRPT4ExB69LZ7-Nrto938hRzf7Kmi5Rtp8JQBlpx/s72-c/lok-3.png
Pariksha Sankalp
https://parikshasankalp.blogspot.com/2018/03/3.html
https://parikshasankalp.blogspot.com/
https://parikshasankalp.blogspot.com/
https://parikshasankalp.blogspot.com/2018/03/3.html
true
6251081085644214463
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy